गीली मिट्टी का एक अनगढ़ लोथड़ा,,,, एक कुम्हार के आंवे में कब की तप चुकी मूरत आंखों में झांकिए तो फर्क खुद-ब-खुद नजर आएगा अतीत के थपेड़े झेल पेशानी पर अनगिनत लकीरें ये वही रास्ता है..मेरी लाडो..जो कभी पगडंडी थी अब तुम्हारे लिए उड़नखटोले का रनवे बने तो अच्छा। दुनिया का तमाशा देख.........वो देख..
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गीली मिट्टी का एक अनगढ़ लोथड़ा,,,,
एक कुम्हार के आंवे में कब की तप चुकी मूरत
आंखों में झांकिए तो फर्क खुद-ब-खुद नजर आएगा
अतीत के थपेड़े झेल पेशानी पर अनगिनत लकीरें
ये वही रास्ता है..मेरी लाडो..जो कभी पगडंडी थी
अब तुम्हारे लिए उड़नखटोले का रनवे बने तो अच्छा।
दुनिया का तमाशा देख.........वो देख..
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